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बिलासपुर (media saheb.com) 26 नवंबर ’’संविधान दिवस’’ के उपलक्ष्य में एसईसीएल मुख्यालय स्थित प्रांगण में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर मुख्य…

बिलासपुर (media saheb.com) समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। अगर हम सभी समाज के प्रति जागरूकता हों तो देश का तेजी से विकास होगा। शिक्षा…

बिलासपुर (media saheb.com) एसपी, सीबीआई (एसीबी) हेड ऑफ ब्रांच, रायपुर श्री आर.एम. खान (आईपीएस), औद्योगिक इकाइयों के फील्ड विजिट के क्रम में आज एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर…

सरकार और जनता दोनों द्वारा इनके खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई करने का समय रायपुर, (media saheb.com) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर…

कोलकाता, (media saheb.com) 2022 टी20 विश्वकप में अब बस महज़ 11 महीने बचे हैं, जिस पर भारतीय टी20 कप्तान रोहित शर्मा की नज़र है। न्यूज़ीलैंड के…

मुंबई (media saheb.com) वैश्विक बाजार के मिलेजुले संकेत के बीच पिछले सप्ताह पेट्रोलियम समेत विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और सऊदी…

नई दिल्ली(media saheb.com) । जमीनी स्तर के अन्वेषक से सामाजिक कार्यकर्ता और प्रख्यात पर्यावरणविद् बने सुंदरम वर्मा। उन्होंने राजस्थान के शुष्क शेखावती क्षेत्र में 50,000 से ज्यादा पेड़ों…

नई दिल्ली।(mediasaheb.com) नीति आयोग ने ‘हेल्‍थ इंश्‍योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडल’ पर आज एक विस्‍तृत रिपोर्ट जारी की, जो भारत की आबादी के बीच स्वास्थ्य बीमा कवरेज…

रायपुर(media saheb.com) कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव,…

बीएएमएस की क्लास में टीचर कहते थे या तो तैयारी कर लो या फिर कॉलेज आना छोड़ दो, मैंने डॉक्टर बनने के सपने को चुना भिलाई(mediasaheb.com). कवर्धा जिले के अतरिया दामापुर बाजार के रहने वाले गौरव परिहार आज अपने क्षेत्र में किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उनके गांव में यदि किसी डॉक्टर का जिक्र होता है तो सबसे पहले नाम गौरव का आता है। आए भी क्यों ने सीमित संसाधनों और गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़कर आज उनका बेटा रायपुर मेडिकल कॉलेज से एमएस ऑर्थोपेडिक्स की पढ़ाई जो कर रहा है। डॉ. गौरव सिंह परिहार ने बताया कि बचपन से उनके पिता चाहते थे कि बेटा डॉक्टर बने। इसलिए मुझे पढऩे के लिए मोटिवेट करते थे। ग्रामीण परिवेश के कारण उस वक्त मेडिकल एंट्रेस और एमबीबीएस की पढ़ाई की ज्यादा जानकारी तो नहीं थी इसलिए 12 वीं बोर्ड के बाद एग्रीकल्चर का एग्जाम दिया। उसमें रैंक काफी अच्छा आया। सबने कहा मेडिकल कॉलेज के लिए ट्राई करो, इसलिए जी जान से मेडिकल एंट्रेस की तैयारी में जुट गया। शुरूआत काफी धीमी और भटकाव भरा रहा। अलग-अलग विषयों की अलग-अलग जगहों में पढ़ाई करने के कारण सेल्फ स्टडी के लिए समय नहीं निकाल पा रहा था। नतीजा यह निकला कि जितना सोचा था रिजल्ट उससे भी ज्यादा खराब आया। अपनी गलतियों से सीख लेकर अगले साल एक ऐसे कोचिंग में एडमिशन लिया जहां सभी विषयों की पढ़ाई एक ही छत के नीचे होती है। शॉर्ट नोट्स और सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई में मन लगता गया। तीन साल के ड्रॉप के बाद साल 2011 में सीजी पीएमटी क्वालिफाई करके बिलासपुर मेडिकल कॉलेज पहुंच गया। तीन साल के ड्रॉप में एक चीज थी जो हमेशा पॉजिटिव एनर्जी देती थी वो है परिवार और रिश्तेदारों का सपोर्ट। सबने निराश होने की बजाय हमेशा मनोबल बढ़ाया अच्छे से पढ़ाई करने के लिए। …